भभुआ कैमूर। कैमूर के भभुआ से तीन बार के पूर्व विधायक, जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष और जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष दिवंगत डॉ प्रमोद सिंह को भभुआ सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने पर स्ट्रेचर नहीं मिलने और टूटी व्हील चेयर पर बैठाने से मौत होने का बड़ा आरोप कैमूर पहुंचे बिहार बसपा प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने दिवंगत पूर्व विधायक डॉ प्रमोद सिंह के परिजनों से मुलाकात के बाद प्रेसवार्ता दौरान कही। यह प्रेसवार्ता बसपा प्रदेश प्रभारी ने भभुआ जिला परिषद सदस्य सह बसपा प्रदेश महासचिव विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल के आवास पर की।
प्रेसवार्ता में उन्होंने एनडीए की सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए ऐसे मामले में भ्रष्टाचारी और लापरवाही का भी गंभीर आरोप लगाया है। बताया कि आज मैं डॉ प्रमोद कुमार सिंह के परिजनों से मिला जहां उनके द्वारा बताया गया कि जब डॉ प्रमोद कुमार सिंह का तबियत बिगड़ा तो उन्हें आनन फानन में इलाज के लिए भभुआ सदर अस्पताल ले जाया गया जहां हार्ट अटैक के मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिला। उन्हें व्हील चेयर दिया गया। जिसका पावदान भी टूटा हुआ था। जिस कारण दिवंगत का पैर घसीटताते रहा, जो कि बहुत शर्म की बात है।
दिवंगत डॉ प्रमोद सिंह अपने भभुआ विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके थे और जदयू के जिलाध्यक्ष भी थे। उसके बावजूद भी उन्हें बिहार के एनडीए के सरकार में भी अपने ही क्षेत्र के अस्पताल में एक स्ट्रेक्चर नहीं मिला। अब सोचने वाली बात यह है कि जब एक विधायक के साथ अस्पताल का ऐसा व्यवहार रहा तो आम जनता का क्या हाल होता होगा और उनका कैसे इलाज होता होगा।
एनडीए सरकार कहती है कि बिहार में शिक्षा स्वास्थ सहित सभी योजनाओं का सुविधा दिया गया है। लेकिन आप देख सकते हैं कि बिहार के शाहाबाद क्षेत्र में एक भी ऐसा अस्पताल नहीं है कि यहां के स्थानीय लोगों का इलाज हो सके। यही कारण है कि इस क्षेत्र के लोगों को बनारस या दिल्ली जाकर इलाज कराना पड़ता है। जिस कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में बैठ कर कहते हैं कि पीएमसीएच में 10 हजार बेड का व्यवस्था कराएंगे।
हालांकि इस सरकार में हम कैमूर के लिए चिंतित हैं कि एक विधायक को सदर अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिला लोग किसी तरह उन्हें खींच टांग कर बेड पर ले गए। जो काफी शर्मसार है। इसको लेकर आवाज उठाया जायेगा और ऐसे विभाग के अधिकारियों पर जांच कराने के बाद उनपर कार्यवाही कराया जायेगा। यही नहीं सरकार कहता है कि बिहार एक डिजिटल बिहार है लेकिन कैमूर का अधौरा क्षेत्र आज भी सड़क पानी विद्यालय और अस्पताल के लिए तड़प रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि इस बार 2025 विधानसभा चुनाव में बसपा पूर्ण बहुमत के साथ बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा और जीत भी हासिल करके दिखाएगा। क्योंकि यहां भ्रष्टाचारियों की सरकार चल रहा है जिसे जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा।